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Showing posts from August 20, 2017
धरती में बोया गया बीज मिट्टी, पानी, हवा और धूप से शक्ति लेकर पौधा बन जाता है। अपने विकास के लिए जो आवश्यक है आत्मसात करें। 
कुछ नया बनाने के लिए कभी कभी पुराना तोड़ना पड़ता है। 
अच्छा सोंचें अच्छा महसूस करें। 
ऊँची छलांग के लिए थोड़ा पीछे हटना पड़ता है। 
त्रुटियाँ होना स्वाभाविक है किंतु उनसे सीखना समझदारी। 
दूसरों की स्वीकार्यता के लिए स्वयं को स्वीकार करें।