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Showing posts from April 7, 2013
जैसा हम भीतर से महसूस करते हैं वैसी ही हमें दुनिया दिखाई देती है। जो आत्मविश्वास से भरा हो उसे यह अवसरों से भरी मालूम पड़ती है किन्तु नकारात्मक सोंच रखने वाले को यह दुःख से भरी लगती है।
मन ही है जो हमारे समक्ष सम्पूर्ण संसार रचता है। यदि यह उचित स्थान पर रमता है तो वह शक्ति देता है जो समस्त बंधनों को काटकर हमें मुक्ति की राह दिखाता है।
  प्रेम  शब्दों का  मोहताज नहीं इसकी अभिव्यक्ति भावना से होती है। भावनाएं ही इसे सबल बनाती हैं। बिना बोले भी महज एक इशारा ही  इसे व्यक्त कर देता है।
जीवन संघर्ष का नाम है। कठिनाईयों का सामना करके ही हम आगे बढ़ते हैं न कि उनसे भाग कर।
जब ह्रदय प्रसन्न होता है तो सर्वत्र प्रसन्नता दिखाई देती है।
सकारात्मक सोंच समस्याओं से लड़ने की शक्ति देती है।