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Showing posts from September 8, 2013
शांति आपके वातावरण में नहीं आपके मन में होती है। 
जो अपने गंतव्य का विकल्प रखता है वह स्वयं पर पूर्ण विश्वास नहीं रखता है। 
अशांत मन में कभी सकारात्मक विचार नहीं आते हैं। शांत मन ही हमें सही मार्ग दिखाता है। 
आध्यात्म आपको ईश्वर से जोड़ता है। स्वयं को पहचानें तभी ईश्वर तक पहुँच सकते हैं। 
यदि आप स्वयं के बारे में अच्छी राय नहीं रखते हैं तो आप दूसरों को भी प्रसन्न नहीं रख सकते हैं। 
दूसरों के दुर्गुण देखने की बजाय स्वयं का निरिक्षण ही सही है। आत्मिक उन्नति का यही एक उपाय है। 
प्रारंभ अपने आप में एक बड़ी वस्तु है। बिना आरम्भ के सिद्धि नहीं मिलती।