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Showing posts from May 27, 2012
वास्तविक ज्ञान वह है जो विविधता में एकता का दर्शन कराए.
जीवन उन्हें पुरस्कार देता है जो उसकी चुनौतियों का साहस पूर्वक सामना करता है.
यदि हम समस्याओं के बारे में अधिक न सोंचे तो बहुत सी समस्याएं हल हो सकती हैं.

आस

सब कहते हैं की वो नहीं आएगा. उसने वहां किसी गोरी मेम से ब्याह कर लिया है, अच्छी नौकरी है, अपना घर है, वहां का एशो आराम छोड़कर यहाँ क्या करने आएगा? फिर भी हर आहट पर इस बूढ़े जिस्म में झुर झुरी सी दौड़ जाती है. मन छोटे बच्चे सा उछलने लगता है जिसे खिलौना लेकर बाज़ार से लौटते पिता का इंतजार हो. दस बरसों से आँखें उसे देखने को तरस रही हैं. उसका माथा चूमने को होठ प्यासे हैं जिसे सहलाकर उसकी पीड़ा हर लेती थी. हथेलियाँ उन गालों को भर लेने को बेताब हैं जिन पर कभी पांचों उँगलियों की छाप बनाई थी ताकि उसे भटकने से रोक सकूं. उसे छाती से लगाने की चाह है जिसका दूध पिलाकर उसे पाला था. दुनिया का क्या है कुछ भी बोलती है. पर मैंने तो कोख से जना है फिर मैं क्यों आस छोड़ दूं?
जो ऊंचा उड़ना चाहते हैं उन्हें पैरों के नीचे की ज़मीन छोड़नी पड़ती है.
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्। उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥
जीवन में यदि समस्याएं आती हैं तो जीवन ही उसका हल भी देता है. किन्तु हम समस्या से इतने भयभीत हो जाते हैं की उनकी तरफ ध्यान ही नहीं देते.
कोई भी अपना भूत काल नहीं बदल सकता है किन्तु वर्तमान में सोंच का परिवर्तन भविष्य में बड़ा बदलाव लाता है.
आस्था जीवन का मूल आधार है. इसके बिना जीवन का ढांचा खड़ा नहीं रह सकता है.