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Showing posts from May 15, 2016
एक व्यक्ति के कर्म अनेक लोगों को प्रभावित करते हैं। 
कर्म शब्दों से अधिक मुखर होते हैं। 
कर्म कल्पना को साकार करते हैं। 
कठिनाइयों के सामने ज़िद्दी बनें। वे भाग जाएंगी। 
संघर्ष आपको मज़बूत बनाते हैं। 
 जिस प्रकार पुष्प कांटों के मध्य भी मुस्कुराते हैं वैसे ही आप भी मुसीबतों का सामना करें। 
त्रुटि करना सामान्य है किन्तु उसे दोहराना भूल है।