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Showing posts from June 23, 2013
सिवा आपके सत्कर्मों के कुछ भी साथ नहीं जाता।
क्रमिक विकास आध्यात्मिक उन्नति की सीढ़ी है।
यकीन हमें आगे ले जाता है जबकि शक हमें पीछे घसीटता है।
विश्वास करना सीखें। केवल मनुष्य ही यह कर सकता है। विश्वास असंभव को संभव कर दिखाता है।
ईश्वर जीवन का केंद्र हैं। जितना इनसे दूर जायेंगे उतना ही दुखी होंगे।
'क्या मैं' को 'हाँ मैं' में बदलें।
दृढ निश्चय , संघर्ष, साहस एवं इच्छा शक्ति ये  चार स्तम्भ हैं जिन पर सफलता की ईमारत खड़ी होती है।