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Showing posts from July 7, 2013

ईश्वर एक है

ईश्वर वह परम सत्ता है जो इस ब्रह्माण्ड का आधार है। अतः ईश्वर एक है जो समस्त चर अचर जीवों में व्याप्त है।

विचार कर सकने की क्षमता

मानव के पास सही गलत का विचार कर सकने की क्षमता है। इसका प्रयोग स्वयं के तथा दूसरों के हित में करें।

ईमानदारी, सत्यता , धैर्य और संतोष

ईमानदारी, सत्यता , धैर्य और संतोष ये चार सुखी जीवन के स्तम्भ हैं।

स्वयं को कमज़ोर न समझें

स्वयं को कमज़ोर न समझें। यह विश्वास पैदा करें कि आप में वह शक्ति है। आपकी सोंच ही आपको बनाती या बिगाड़ती है।

कर्म

हमारे कर्म ही सुख दुःख का फैसला करते हैं।

अहम्

अहम् प्रसन्नता में बाधा पहुंचाता है।

जीवन यात्रा

जीवन यात्रा में मिलने वाले अनुभव हमारे क्रमिक विकास में सहायक होते हैं।