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Showing posts from May 1, 2016
कुछ अच्छा करने पर स्वयं को शाबाशी दें। 
साहस और दृढनिश्चय के संयोग से चमत्कार संभव है। 
आपकी सोंच ही आपको आगे या पीछे ले जाती है। 
मंज़िल पर पहुँचने के लिए उस तरफ कदम बढ़ाना आवश्यक है। 
अधिकांश सामाजिक समस्याओं का कारण हमारी उदासीनता है। 
आशा गहन अंधकार में चिराग के समान है।