कठिन समय ईश्वर की तरफ से हमारी शक्ति की परीक्षा लेने के लिए भेजा जाता है. अतः हमें बिना डरे इसका सामना करना चाहिए. इसी तरह हम विजय प्राप्त कर सकते हैं.
इच्छा करना बुरा नहीं है किन्तु अक्सर हम इच्छित वास्तु से स्वयं को इस तरह जोड़ लेते हैं की हम अपने पास की समस्त अच्छी वस्तुओं की अनदेखी करने लगते हैं. इच्छित वास्तु के न मिलने पर हम टूट जाते हैं.
जब भी हम कुछ करते हैं तो सबसे पहले हमको अपनी अंतरात्मा का सामना करना पड़ता है. यदि हम अपनी अंतरात्मा को संतुष्ट कर सकें तो हमे बिना भय के आगे बढ़ना चाहिए.