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Showing posts from January 22, 2012
जैसा हम सोंचते हैं वैसी ही ऊर्जा हमें मिलती है. सकारात्मक सोंच आशावादी नज़रिया बनाती है और नकारात्मक सोंच निराशा को जन्म देती है.
आस्तिक यह जानता है की ईश्वर है और प्रसन्न रहता है नास्तिक ईश्वर पर अविश्वास करता है और दुखी होता है.
विश्वास रखें की ईश्वर ही हमारा पालक है और वही हमारा सबसे बड़ा हितैषी है.
जीवन में हमारे लक्ष्य एक प्रेरक शक्ति की भांति हमें उन्हें पाने का हौसला देते हैं.
वस्तुओं की कमी हमें उनकी उपियोगिता समझाती  है और हम उन्हें सही प्रकार से इस्तेमाल करते हैं.
वह जो हालातों से हार नहीं मानता और उनका डट कर मुकाबला करता है वह सच्चा विजेता है.
जो व्यक्ति हंस कर जीवन की हर चुनौती स्वीकार करता है वह सही मायने में एक विजेता है.