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Showing posts from April 21, 2013
व्यक्ति आत्मविश्वास के सहारे ऊँचाईयों को  छू सकता है।
निराशा घोर संकट में भी अवांछनीय है।
हमारी स्तिथि उस व्यक्ति की तरह है जिसकी गठरी बहुमूल्य रत्नों से भरी है किन्तु अज्ञानतावश दूसरों से चंद सिक्के मांग रहा हो।
धैर्य पूर्वक प्रयास करते रहे न जाने कब सफलता आपका द्वार खटखटाए।
जीवन बहती नदी है। सदियों से बह रही है। सदियों तक बहेगी। हम तो इसमें उठने वाली  लहरें हैं जो बनती और मिटती रहती हैं।
सफलता का एक ही मन्त्र है ' मैं कर सकता हूँ।'
सात्विकता प्रकाश किरण की तरह ह्रदय को रोशन कर देती है।