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Showing posts from October 21, 2012
कठिनाईयां हमें हमारे भीतर छुपी हिम्मत से रूबरू कराती हैं।
हम सभी के भीतर छुपा खज़ाना है उसे तलाश करें।
अपने आपको हीन न समझें हम सभी में अपने गुण हैं।
जो स्वयं से अप्रसन्न है वह दुनिया से कैसे खुश रह सकता है।

रावण वध

छुट्टी का दिन था । मैं आराम से चाय की चुस्कियां लेते हुए अखबार पढ़ रहा था। वही पुरानी  खबरें हत्या, लूटपाट, अपहरण, पोलिटिकल स्कैम्स। सिर्फ हेडलाइंस पढ़कर अखबार बंद कर दिया। तभी मेरा पाँच वर्ष का बेटा  मोहन मेरे पास आकर बैठ गया और बोला " पापा आज क्या है।" मैंने समझाते हुए कहा " आज दशहरा है। आज के दिन भगवान् रामचंद्र ने रावण  का वध कर के बुराई  का अंत किया था।" मोहन ने पूंछा " रावण क्या बुरा इंसान था।" मैंने कहा " हाँ वह एक बुरा इंसान था। इसी लिए आज के दिन बुराई के प्रतीक रावण , कुंभकर्ण, एवं मेघनाथ के पुतले जलाते हैं। ताकि बुराई  का नाश हो।" मोहन बहुत ध्यान से मेरी बातें सुन रहा था।  कुछ देर कुछ सोचने की मुद्रा में बैठा रहा फिर बोला " अच्छा, तो क्या पुतले जलाने से बुराई  ख़त्म हो जाती है।" मैं अवाक् रह गया उस मासूम ने कितना प्रासंगिक प्रश्न किया था। सैकड़ों वर्षों से हम सिर्फ प्रतीकों को ही जला रहे हैं। जब की ज़रुरत अपने भीतर बसे रावण का वध करने की है।
हम सभी के भीतर अच्छाई और बुराई का संघर्ष जारी है। कभी बुराई  अच्छाई  को दबा देती है तो कभी अच्छाई  हावी हो जाती है। अंत में अच्छाई  बुराई का नाश कर देती है। तब हमें मुक्ति प्राप्त होती है।
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कुछ पल जो एकांत में स्वयं के साथ बिताये जाते हैं हमें तरोताज़ा कर देते हैं। इन पलों का आनंद लें।
कठिनाईयां आपको अपने भीतर की क्षमताओं का सही उपयोग सिखाती हैं। आपको एक मजबूत व्यक्ति बनाती हैं।