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Showing posts from September 25, 2011
जिस प्रकार बंद खिड़की के खुलने पर ताजी हवा अन्दर आती है और बासी हवा बाहर निकल जाती है. उसी तरह जब हम अपना दिमाग खुला रखते हैं तो नए नए  विचार आते हैं और पुराने विचार निकल जाते हैं .
अपनी गल्तियों पर शोक करने का कोई लाभ नहीं है . बुद्धिमानी तो यह है की उनसे सीख लेकर भविष्य में उन्हें न दोहराया जाये .
हमारे सारे विफल प्रयास आने वाली बड़ी सफलता की नीव बन जाते हैं यदि हम दृढ़ता से अपने प्रयास में लगे रहे.
आस्था हीन व्यक्ति जल्दी टूट जाता है. आस्थावान व्यक्ति जानता है की ईश्वर उसके साथ है.
मुसीबत के समय परेशान न  हों. बदलाव सृष्टि का नियम है.जल्द ही यह समय गुजर जायेगा और  अच्छा समय आएगा
समाज के प्रति हर व्यक्ति उत्तरदायी है. अतः एक दूसरे पर उंगली उठाने के बजाए हम वो करें जो हम कर सकते हैं.
दूसरों के साथ व्यवहार करते समय ध्यान रखें की उनके साथ वह न करें जो आप स्वयं के प्रति किया जाना पसंद नहीं करेंगे.