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Showing posts from September 1, 2013
अच्छे बनें तो अच्छा महसूस करेंगे।
सदैव ईश्वर की कृपा का चिंतन करें। जितना अधिक आप इस विषय में सोंचेंगे उतना ही ईश्वर के निकट होंगे।
भक्ति वह अवस्था है जब व्यक्ति का मन सब तरफ से हट कर ईश्वर पर केंद्रित हो जाता है। 
एक शिक्षक का कर्त्तव्य विधार्थी के चरित्र का निर्माण करना है। उसे जीवन मूल्यों की शिक्षा स्वयं के आचरण द्वारा देनी चाहिये।
यदि आप में आगे की लगन हो तो कुछ भी आप का रास्ता नहीं रोक सकता है। 
अपने विचारों पर नियंत्रण रखें क्योंकि यही आपके व्यक्तित्व का हिस्सा बनते हैं।