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Showing posts from April 2, 2017
समय के अनादि सागर में हम उठने वाली छोटी छोटी लहरों के समान हैं। 
यदि स्वयं पर नियंत्रण ना रहे तो क्रोध का एक क्षण कई दुःख साथ लाता है। 
जब कमी हो तो हम संभल कर वस्तुओं का प्रयोग करते हैं। 
आने वाले अवसर का स्वागत करने के लिए सदैव तैयार रहें। 
जो गिर कर खड़ा हो जाए और फिर चलने लगे वही मंज़िल पर पहुँचता है। 
जो आसान प्रतीत होता है वह लाभकारी भी हो यह आवश्यक नहीं। 
अपने लक्ष्य पर ध्यान दें। कठिन परिश्रम से उसे प्राप्त करें।