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Showing posts from August 17, 2014
ईश्वर की इच्छा के सामने नतमस्तक रहें। जो हो रहा है उसमें कोई संदेश है उसे पहचानें। 
आपका व्यवहार दूसरों के प्रति सामंजस्यपूर्ण रहे। आप भी बेहतर महसूस करेंगे।
मनुष्य में यदि आगे बढ़ने  की प्यास हो तो वह अपने गंतव्य तक पहुँच ही जाता है।  
प्रार्थना वह शक्ति है जो कठिन समय में बल प्रदान करती है। 
प्रत्येक कार्य अपने सामर्थ्य के अनुसार मन लगा कर करें। परिणाम भी अच्छा होगा।
ईश्वर के शरणागत हो अपना कर्म निश्चिन्त होकर करें।
धैर्य और साहस आपको परिणाम अवश्य देते हैं।