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Showing posts from February 21, 2016
एक ही वस्तु को देखने के दृष्टिकोण अलग हो सकते हैं किन्तु वस्तु वही होती है। 
शांति प्रेम को बल देती है। 
चिंतन की शक्ति हमें अन्य प्राणियों से पृथक करती है। 
भिन्नता प्रकृति का लक्षण है। 
घृणा पर प्रेम से विजय पाई जा सकती है। 
सपने दृढ निश्चय से सच होते हैं। 
स्वयं के चहरे पर मुस्कान ख़ुशी दिखाती है किंतु दूसरे के चहरे पर मुस्कान यदि आपके कारण है तो यह तृप्ति लाती है।