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Showing posts from March 17, 2013
संशय विष की भांति है। यह संबंधों का नाश कर देता है।
समस्याएं नहीं उनके प्रति हमारा नकारात्मक रवैया हमें अधिक दुःख देता है।
जीवन का उद्देश्य इसे एक अर्थ प्रदान करना है।
अक्सर हम उन वस्तुओं की लालसा में जो हमारे पास नहीं हैं उन वस्तुओं की उपेक्षा करते हैं जो हमारे पास हैं।
अशांत मन से किसी भी वास्तु का आनंद नहीं लिया जा सकता है।
ईश्वर का वर्णन कठिन है किन्तु सच्चे प्रेम में आसानी से खोज सकते हैं।
आधारभूत रूप से हम सभी उत्तम हैं। हमारे मन पर पड़ी काम, क्रोध, लोभ, मोह की परत उसे ढंक देती है। इसे साफ़ करें।