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Showing posts from January 29, 2017
मौन आंतरिक विकास के लिए सही है किंतु अन्याय के विरुद्ध चुप्पी सही नहीं है।  
जो आपके पास है उसके लिए ईश्वर को धन्यवाद दें। 
आपके चेहरे की मुस्कान आपको वा देखने वाले को ख़ुशी देती है।  
समझदारी वस्तुओं के रचनात्मक प्रयोग में है। 
यदि स्वयं पर यकीन नहीं तो किसी पर यकीन नहीं। 
अपने को पहले से बेहतर बनाने का प्रयास करें। 
व्यक्ति के विचार उसे अमर कर देते हैं।