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Showing posts from September 30, 2012
यदि हम पूर्ण रूप से ईश्वर के प्रति  समर्पित हैं तो कठिनाईयों से नहीं हारेंगे।
असत्य का नाग केवल सत्य की लाठी से मर सकता है।
निष्क्रिय व्यक्ति का जीवन ठहरे पानी की तरह होता है जिसमें से दुर्गन्ध आती है।
एक कृतघ्न व्यक्ति के लिए कृतज्ञता पानी की उस बूँद की भांति है जो गर्म तवे पर गिर कर उड़ जाती है।
प्रसन्नचित व्यक्ति अधिक सृजनात्मक होता है।
ईश्वर का आभार मानना ही प्रार्थना है।