Posts

Showing posts from 2013
शुरुआत सदैव एक नई उम्मीद से करें।
हर अंत एक नई शुरुआत को जन्म देता है। यह वर्ष कुछ घंटों में बीत जाएगा और एक नया साल प्रारंभ होगा। एक नए उत्साह के साथ इसे शुरू करें।
कल क्या होगा कोई नहीं जानता इसलिए आज में जियें।
यदि आप को अपने विचार पर यकीन है तो कुछ नया करते समय आलोचना कि परवाह न करें।
जो सभी जीवों के प्रति प्रेम रखता है वह ही ईश्वर का प्रेम पाता है। 
जीवन के खालीपन को ईश्वर के प्रेम से भरें।
बिना त्याग के प्राप्ति नहीं।
खुशियां बाटने से बढती हैं। अतः खुश रहें।
संघर्ष ही जीत की राह बनाता है। 
जिस तरह वायु सुगंध और दुर्गन्ध दोनों को साथ ले जाती है किन्तु स्वयं अछूती रहती है। उसी तरह स्वयं भी निर्लिप्त बनें।
कभी कभी वक़्त के बहाव के साथ जाने में ही समझदारी है। 
जीवन में उतारचढाव से न डरें। गिरकर उठना ही जीवन है। 
प्रकृति समान रूप से सभी को अपने दामन में समा लेती है। यह हमें सभी के प्रति दयालु रहने का सन्देश देती है। 
आशा आगे बढ़ने कि ताक़त देती है। 
जब सफ़र लंबा हो तो धैर्य बहुत आवश्यक है। 
केवल आपके अपने प्रयास ही जीवन में इच्छित बदलाव लाते हैं। 
सकारात्मक सोंचें तभी सकारात्मक रहेंगे।
जो परिस्तिथियों से नहीं डरता वही विजेता है। 
नज़र लक्ष्य पर रखकर ही उसे भेद सकते हैं। 
जीवन के रणक्षेत्र में स्वयं को प्रभु को समर्पित कर अपना कर्म करें।
आपका दृढ़विश्वास ही सफलता प्रदान करता है। 
सदैव आपकी योजना के अनुसार कार्य नहीं हो सकता। कभी कभी स्तिथि के हिसाब से चलना होता है। 
अपने प्रयास में कमी न रखें। परिणाम ईश्वर पर छोड़ दें।
प्रकृति का हर तत्व हमें कुछ न कुछ देता है। अतः जो हो सके समाज को दें। 
आप एक दिन इस दुनिया से चले जायेंगे किन्तु आपके अच्छे कार्य सदैव रहेंगे।
हम सभी किसी उद्देश्य के लिए इस संसार में आये हैं। उसे खोजें।
एक फूल कि उम्र छोटी होती है पर वह खुशियाँ देता है। 
यदि आप जीवन में नए  विचारों का स्वागत करेंगे तो जीवन सुखमय होगा।
ईश्वर जगत का आधार है। इसकी शक्तियां अपरिमेय हैं। इन्हें हमारी सीमित इंद्रियों से समझना कठिन है। 
अपनी अक्षमताओं पर केवल दृढ़निश्चय एवं साहस से विजय पाई जा सकती है। 
ये दुनिया विविधताओं से भरी है। इस विविधता में एकता ढूंढना ही समझदारी है। 
आज जो आपके पास है कल नहीं होगा। यह जीवन का एक अंग है। 
सोना आभूषण बनकर आपकी शोभा बढ़ाता है तो लोहा तलवार  बनकर आपकी रक्षा करता है। 
सूरज कि रौशनी में तो एक ज़र्रा भी चमकता है, किन्तु एक रत्न ही अँधेरे में चमकता है.
समय बड़े से बड़ा घाव भर देता है। आपके दुःख भी समय के साथ कम हो जायेंगे।
प्रकृति एक विशाल पाठशाला है। जितना सीख सकें सीख लें। 
हर रात के बाद सुबह आती है। यह प्रकृति का सन्देश है कि आप आशावान रहे। 
प्रेरणा लें किन्तु किसी कि नक़ल न करें। आप अपने आप में एक अनोखे व्यक्ति हैं। 
आदतें चाहें अच्छी हो या बुरी हमें बांधती हैं। अतः उनके गुलाम न बनें।
अपने मष्तिष्क में नए विचार एवं सोंच को आने दें। यह आपके जीवन में सुखद बदलाव लाएगा।
केवल निष्ठावान प्रयास ही सफलता प्रदान करते हैं। 
सकारात्मकता आपको कठिन परिस्तिथियों में भी साहस प्रदान करती है। 
जब तक आप जोखिम उठाने से डरेंगे तब तक जीत नहीं सकते।
सफलता का एक ही मार्ग है कठिन परिश्रम और धैर्य।
सृजनता एक कागज़ को बहुमूल्य कलाकृति बना देती है। 
ईमानदारी एक अच्छी नीति है। पर उससे भी बढ़ कर है कि हम स्वयं के प्रति ईमानदार बनें।
जब समय कठिन हो तो धैर्य न खोएं। यदि आप प्रयास करते रहे तो सफल अवश्य होंगे।
बिना बुद्धि का प्रयोग किये कोई भी कला अपूर्ण है। 
जब आप उदास और दुखी हों तो हताश न हों। उम्मीद का दामन थामें रहे, यही आपको बेहतर भविष्य कि तरफ ले जाएगा।
जब दूरी लम्बी हो तो हर मील के  पत्थर को प्रेरणा  स्तम्भ मानें। 
किसी कार्य को पूर्ण करने के लिए आवश्यक है एक शुरुआत।
किसी को क्षमा कर देने का अर्थ है क्रोध तथा घृणा के  बोझ को उतार फेंकना।
एक लता भी प्रकाश कि तरफ बढती है, अतः स्वयं को अंधकार से बाहर लाएं।

एक छोटी सी आशा कि किरण हताशा के अंधकार को मिटा देती है। 
आँखों में आत्मविश्वास कि चमक, चहरे पर खिली मुस्कराहट आपके व्यक्तित्व को निखारते हैं। 
सदैव कुछ नया करें। खाली न बैठें। जीवन के प्रति आशावान रहे। 
जिसमें आत्मविश्वास नहीं वह किसी पर यकीन नहीं कर सकता है। 
जो हो गया उस पर पछताने से क्या लाभ, उसे बदल नहीं सकते। अब आगे कि सोंचें।
अनिश्चित भविष्य में उम्मीद एक दिये के सामान रौशनी देती है। 
वस्तुओं का संग्रह ही उनके सदुपयोग का आश्वाशन नहीं होता है। 
अँधेरा घना हो तो दीप जलाएं, घबराएं नहीं।
जो दूसरों को जनता है वह समझदार है किन्तु स्वयं को जानने वाला ज्ञानी है। 
स्वयं को परिस्तिथि के अनुसार ढाल कर उसके अनुसार कार्य करना ही समझदारी है। 
शांति कि खोज में ना भटकें। उसे अपने भीतर खोजें।
दृढनिश्चय से पहाड़ भी हिल जाते हैं। 
बिना कठिनाइयां सहे सफलता नहीं मिलती है। 
जीवन आगे बढ़ने के लिए है न कि एक जगह ठहर जाने के लिए। 
प्रसन्नता आपको एवं आप से जुडे लोगों को एक सकारात्मकता प्रदान करती है। 
शक्ति की तलाश में बाहर न भटकें वह आपके भीतर ही है। 
संकल्प और शक्ति का मिलन ही सफलता का मार्ग खोलता है.
अच्छाई में यकीन रखें। अच्छा बनें तो ही अच्छा महसूस करेंगे।
यह मत सोंचो कि यह छोटा कदम है. छोटे छोटे कदम ही मीलों की दूरी तय करते हैं.
उन्नत मस्तक, स्वाभिमान एवं आँखों में झलकते आत्म विश्वास से हम दुनिया को फतह कर सकते हैं। 
अवसर का लाभ उठायें क्योंकि यह किसी की प्रतीक्षा नहीं करता।
साहस और आशा सफलता की ओर ले जाते हैं। 
आत्म विश्वास आपको अपरिमेय ऊँचाइयों पर ले जाता है। 
आत्म विश्वास सबसे मूल्यवान खज़ाना है.
आपके पास क्या है मायने नहीं रखता, वरन आप उसे कैसे प्रयोग करते हैं यह महत्वपूर्ण है. 
जो भी आपके पास है उसे अपनी प्रगति के लिए प्रयोग करना ही समझदारी है.
स्वयं के अनुभव ही सत्य का दर्शन कराते हैं.
कुछ नया करने के लिए दृढ निश्चय होना आवश्यक है.
अपने इरादे पर अटल रहे। धीरे धीरे लोग भी आपके साथ जुड़ जायेंगे।
जो भी हो उसे सकारात्मक रूप में लें.
आपके अपने प्रयास ही आपको आगे ले जाते हैं। अतः प्रयास करना  न त्यागें। 
ज्ञान जो हमें सत्य की ओर ले जाए वही सही ज्ञान है.
सहिष्णुता, धैर्य एवं सतत प्रयास सफलता का पथ प्रशस्थ करते हैं.
त्रुटियाँ होना कोई बड़ी बात नहीं किन्तु घबराएँ नहीं। थोड़े धैर्य और समझदारी से उन्हें ठीक किया जा सकता है।
दृढ आस्था असंभव को संभव कर देती है.
आप जो करें उससे कुछ नया सीखने एवं अनुभव लेने का प्रयास करें।
जीवन का उद्देश्य सतत विकास है. किसी एक स्तर पर ठहर जाना विकास में बाधक है.
स्वयं को हीन न समझें। सभी में कुछ अन्तर्निहित गुण होते हैं, उन्हें पहचानिए।
अहिंसा का अर्थ निर्बल का सबल के समक्ष दयनीय समर्पण नहीं वरन आत्मिक बल द्वारा अन्याय का विरोध करना है.
यदि आपके भीतर सफलता की चाह नहीं तो कोई भी आपको सफल नहीं बना सकता।
अपने मन में उठ रहे प्रश्नों का उत्तर आपको स्वयं ही खोजना पड़ता है.
जीत के लिए परम आवश्यक तत्व है अदम्य इच्छा शक्ति।                                            
अड़ियलपनं संकीर्णता की तरफ ले जाता है जो हमारे विकास में बाधक है.
रचनात्मकता हमें पूर्णता का एहसास कराती है। अपने भीतर की रचनात्मकता को बाहर लायें।
जो क्षण आपके हाथ में है उसका सदुपयोग करें बाकी सब अपने आप ठीक हो जाएगा।
मूल्य वस्तुओं का नहीं होता बल्कि हमारी ज़रुरत उन्हें मूल्यवान बना देती है.
सकारात्मक सोंच कठिनाइयों से लड़ने का हौंसला देती है। सदैव सकारात्मक रहे। 
सफलता के तीन आयाम हैं साहस, दृढनिश्चय एवं कड़ा परिश्रम।
छोटे छोटे कदमों से ही लम्बी दूरी तय की जा सकती है। 
जैसे वादियों में प्रतिध्वनि सुनाई देती है वैसे ही जैसे कर्म हम करते हैं वैसे ही प्रतिफल हमें मिलते हैं। 
सकारात्मक सोंच प्रतिकूल परिस्तिथियों को भी अनुकूल बना देती है। 
जब लक्ष्य बड़ा हो तो मार्ग की कठिनाइयों से डरने की बजाय उसे पाने के लिए स्वयं को प्रोत्साहित करें।
प्रतियोगिता में जब दुर्भावना आ जाती है तो वह ख़तरनाक हो जाती है। 
तकलीफों के बारे में शिकायत करने से कोई हल नहीं निकलता है। समस्याओं का सामना करके ही उन्हें दूर किया जा सकता है। 
आत्म विश्वास के बिना कुछ भी संभव नहीं है। 
शांति आपके वातावरण में नहीं आपके मन में होती है। 
जो अपने गंतव्य का विकल्प रखता है वह स्वयं पर पूर्ण विश्वास नहीं रखता है। 
अशांत मन में कभी सकारात्मक विचार नहीं आते हैं। शांत मन ही हमें सही मार्ग दिखाता है। 
आध्यात्म आपको ईश्वर से जोड़ता है। स्वयं को पहचानें तभी ईश्वर तक पहुँच सकते हैं। 
यदि आप स्वयं के बारे में अच्छी राय नहीं रखते हैं तो आप दूसरों को भी प्रसन्न नहीं रख सकते हैं। 
दूसरों के दुर्गुण देखने की बजाय स्वयं का निरिक्षण ही सही है। आत्मिक उन्नति का यही एक उपाय है। 
प्रारंभ अपने आप में एक बड़ी वस्तु है। बिना आरम्भ के सिद्धि नहीं मिलती।
अच्छे बनें तो अच्छा महसूस करेंगे।
सदैव ईश्वर की कृपा का चिंतन करें। जितना अधिक आप इस विषय में सोंचेंगे उतना ही ईश्वर के निकट होंगे।
भक्ति वह अवस्था है जब व्यक्ति का मन सब तरफ से हट कर ईश्वर पर केंद्रित हो जाता है। 
एक शिक्षक का कर्त्तव्य विधार्थी के चरित्र का निर्माण करना है। उसे जीवन मूल्यों की शिक्षा स्वयं के आचरण द्वारा देनी चाहिये।
यदि आप में आगे की लगन हो तो कुछ भी आप का रास्ता नहीं रोक सकता है। 
अपने विचारों पर नियंत्रण रखें क्योंकि यही आपके व्यक्तित्व का हिस्सा बनते हैं। 
बीते दिनों की यादें हमारे साथ रहती हैं किन्तु हमें उनके साथ ठहर नहीं जाना चाहिए।
दृढ आस्था कठिनाइयों से लड़ने की ताक़त देती है। 
विश्वास रखें कि अंधकार मिटेगा और चहुँ ओर प्रकाश होगा। यह विश्वास कठिनाइयों में बल प्रदान करेगा।
 अक्सर थोड़े धैर्य और समझदारी से समस्या सुलझाई जा सकती है। 
भाग्य उसी का पक्ष लेता है जो परिश्रम करता है। 
भूतकाल के समस्त अच्छे बुरे अनुभव हमारे वर्तमान जीवन को प्रभावित करते हैं। 
आस्था की रौशनी में सब कुछ साफ़ साफ़ दिखाई देता है। 
आसन रास्तों पर चलकर कभी सफलता की मंज़िल नहीं मिलती है। 
लक्ष्य का कोई विकल्प नहीं होता है। 
गहन अंधकार में भी तारों की चमक होती है। 
मन में उठ रहे प्रश्नों को टालें नहीं। उनके उत्तर तलाशने का प्रयास करें। यह आत्म साक्षात्कार में सहायक है। 
जब हम पूर्ण उत्साह के साथ आगे बढ़ते हैं तो कठिनाइयों के हौंसले भी पस्त हो जाते हैं। 
बुरी संगत से दूर रहें और अच्छी संगत कभी न छोड़ें।
या तो आप मन को वश में कर लें नहीं तो  फिर यह आपको अपने वश में कर लेगा। 
हम राजनितिक स्तर पर स्वतंत्र राष्ट्र हैं किन्तु अभी भी अपनी कमियों के ग़ुलाम हैं। एक शक्तिशाली राष्ट्र के निर्माण हेतु अपनी कमियों को दूर कर एक सुदृढ़ चरित्र का निर्माण ज़रूरी है। 
इस दुनिया को जानने के लिए हम इतने बहिर्मुखी हो जाते हैं कि स्वयं को नहीं समझ पाते हैं। 
जब सारे विचार समाप्त हो जाते हैं तब शांत मन आत्मा में रमण करता है। कठिन है किन्तु यही एकमात्र मार्ग है। 
ईश्वर से  हमारे सम्बन्ध की जानकारी ही वास्तविक ज्ञान है। स्वयं को जानो तो ईश्वर को जान पाओगे।
जीवन की सार्थकता क्या होना चाहिए से अधिक क्या करना चाहिए में है। 
जो समय हम दूसरों की आलोचना में लगाते हैं उसे आत्म निरिक्षण में लगाना अधिक लाभदायक होगा।
अपने भीतर आगे बढ़ने की आग पैदा करें। यह ही सफलता का मार्ग खोलेगी।
अच्छाई, सच्चाई, ईमानदारी, पवित्रता आदि गुणों पर यकीन रखें। यह आपके विकास में सहायक हैं। 
दृष्टि, उद्देश्य, दृढ़ता, क्षमता, दक्षता ये पाँच किसी योजना की सफलता के लिए आवश्यक हैं. 
मुक्ति का मार्ग पूर्ण समर्पण है. इस अवस्था में आप मन, बुद्धि और शरीर से परे हो जाते हैं. 
ज्ञान के द्वारा ही चित्त की शांति प्राप्त होती है. 
अपने लक्ष्य से अडिग रहे. ईमानदारी के साथ किये गए प्रयास का फल ईश्वर अवश्य देंगे . 
  एक उम्मीद सबसे बड़ा सरमाया है. 
आस्था की कमी ही भय का कारण है. 
ध्यान रखें कहीं आपके दुःख आने वाले अवसरों को दबा न दें. 
प्रगति का पथ सदैव नीचे से ऊपर जाता है ना कि ऊपर से नीचे की ओर. 
मुसीबत के वक़्त धैर्य रखें और शांत दिमाग से बाहर निकलने का उपाय खोजें।
कठिनाईयाँ हमे स्वयं को जानने का मौका देती हैं. जो दृढ आस्था के साथ आगे बढ़ता है वह सदैव ही विजई होता है. 
रमज़ान के महीने में रोज़ा रखना खुदा के लिए अपने अकीदे का इज़हार है. इसके बदले वो हमें ईद की खुशियाँ देता है. 
अपने भूतकाल को वर्तमान का रोड़ा न बनने दें. 
सीखना केवल पुस्तकों तक ही सीमित नहीं है. जिसे सीखने की चाह हो वह अपने जीवन के अनुभवों से बहुत कुछ सीख सकता है. 
स्वयं को दूसरों की नज़रों में उठाने का प्रयास न करें। स्वयं में योग्यता लायें, आप स्वयं सबकी नज़रों में आ जाएंगे।
आध्यात्म शरीर से परे अपने वास्तविक रूप को जानना है. 
पूर्ण समर्पण से ही ईश्वर को जाना जा सकता है. 
ईश्वर की बनाई इस सुंदर दुनिया का आनंद लें और उसका धन्यवाद दें।
किसी भी रिश्ते की लंबी  उम्र का आधार निस्वार्थ प्रेम है।
बिना कर्म के फल नहीं मिलता। बिना बीज बोये, खेत सींचे कोई फसल नहीं काट सकता।
मानव जीवन में मुक्ति के सर्वाधिक अवसर प्राप्त हैं। फिर भी मानव उनका लाभ नहीं उठाता है।
हर नया दिन डायरी के एक कोरे कागज़ की तरह होता है जिस पर हम नई इबारत लिखते हैं।
कठिन परिश्रम ही आपको सफलता के महल में ले जाने का एक मार्ग है।
व्यक्ति को एक बीज की भांति  सदैव प्रकाश की ओर ही बढ़ाना चाहिए एवं स्वयं के भीतर जो प्रतिभा है उसका लाभ दूसरों को देना चाहिए।

संतोष

  संतोष ही परम आवश्यता है।

ईश्वर एक है

ईश्वर वह परम सत्ता है जो इस ब्रह्माण्ड का आधार है। अतः ईश्वर एक है जो समस्त चर अचर जीवों में व्याप्त है।

विचार कर सकने की क्षमता

मानव के पास सही गलत का विचार कर सकने की क्षमता है। इसका प्रयोग स्वयं के तथा दूसरों के हित में करें।

ईमानदारी, सत्यता , धैर्य और संतोष

ईमानदारी, सत्यता , धैर्य और संतोष ये चार सुखी जीवन के स्तम्भ हैं।

स्वयं को कमज़ोर न समझें

स्वयं को कमज़ोर न समझें। यह विश्वास पैदा करें कि आप में वह शक्ति है। आपकी सोंच ही आपको बनाती या बिगाड़ती है।

कर्म

हमारे कर्म ही सुख दुःख का फैसला करते हैं।

अहम्

अहम् प्रसन्नता में बाधा पहुंचाता है।

जीवन यात्रा

जीवन यात्रा में मिलने वाले अनुभव हमारे क्रमिक विकास में सहायक होते हैं।

चुनौतियां

चुनौतियां हमें हमारी क्षमता से अवगत कराती हैं।

ईर्ष्या

ईर्ष्या स्वयं की प्रगति में बाधक है।

साहस और दृढ निश्चय

साहस और दृढ निश्चय बाधाओं के हौंसले भी तोड़ देते हैं। 

ईश्वर को समर्पित कर्म

कर्म जब ईश्वर को समर्पित हो तो मन में उत्साह रहता है।

अपना कर्म

परिणाम की चिंता छोड़ कर ईश्वर को समर्पित हो कर अपना कर्म करें।

भक्ति

ज्ञान और कर्म दोनों ही भक्ति के बिना अधूरे हैं।
कठिनाईयों से लड़ने की शक्ति हमारे भीतर ही है। उसे बाहर न खोजें।
सिवा आपके सत्कर्मों के कुछ भी साथ नहीं जाता।
क्रमिक विकास आध्यात्मिक उन्नति की सीढ़ी है।
यकीन हमें आगे ले जाता है जबकि शक हमें पीछे घसीटता है।
विश्वास करना सीखें। केवल मनुष्य ही यह कर सकता है। विश्वास असंभव को संभव कर दिखाता है।
ईश्वर जीवन का केंद्र हैं। जितना इनसे दूर जायेंगे उतना ही दुखी होंगे।
'क्या मैं' को 'हाँ मैं' में बदलें।
दृढ निश्चय , संघर्ष, साहस एवं इच्छा शक्ति ये  चार स्तम्भ हैं जिन पर सफलता की ईमारत खड़ी होती है।
अच्छे श्रोता बनें। बोलते हुए आप कुछ नया नहीं सीखते।
समय अमूल्य है। एक बार जाने के बाद कुछ भी इसे वापस नहीं ला सकता।
जब यात्रा लम्बी हो तो हर कदम पूर्व नियोजित होना कठिन है। आप शुरुआत करें राह मिलती जायेगी।
लम्बी यात्रा सदैव एक छोटे से कदम से प्रारंभ होती है।
शुद्ध ह्रदय से स्वार्थरहित किये जाने वाले कार्यों को  कोई भी कठिनाई नहीं रोक पाती है।
अपने विचारों पर यकीन करें। दृढ बनें किन्तु जिद्दी नहीं। नए बदलाव को स्वीकार करें।
अविष्कार का अर्थ केवल नयी वस्तुओं की खोज नहीं वरन पुराने कार्यों को करने के नए और प्रभावी तरीकों की खोज  करना भी है।
पिता एक वट वृक्ष की भाँती अपने बच्चों को छाया में रखता है किन्तु स्वयं धूप में जलता है।
हम सभी के भीतर असंभव को संभव कर दिखने की क्षमता विद्यमान है।
जब ईमानदारी से किये गए प्रयास के बावजूद भी स्तिथि काबू  में न आये तो उसे समय पर छोड़ देना चाहिए। समय बहुत कुछ ठीक कर देता है।
अपने दुखों को भुलाने का सबसे अच्छा तरीका है दूसरों के  दुखों के बारे में सोंचना।
आशा विषम परिस्तिथि में एक अमूल्य निधि है।
आस्था की रस्सी थाम कर व्यक्ति बड़ी से बड़ी ऊँचाइयाँ छू सकता है।
इस दुनिया में दो तरह के लोग हैं। कुछ स्तिथियों को देखकर अनदेखा कर देते हैं। कुछ स्तिथि की गंभीरता को महसूस कर उसमें बदलाव करने का प्रयास करते हैं।
ज्ञान से अधिक उसका प्रयोग अधिक उपियोगी है।
ख़ुशी और प्रेम जितना बांटो उतना ही अधिक संतोष मिलता है।
पूर्ण समर्पण का अर्थ अकर्मण्यता नहीं वरन सब कुछ ईश्वर को सौंप कर निश्चिंतता से कर्म करना है।
जीवन के सफ़र में कभी कभी रास्ता आसानी से कटता है तो कभी रुकावट आ जाती है। दोनों ही दशाओं में भावनाओं पर नियंत्रण आवश्यक है।
विषम परिस्तिथि में बिना घबराये बुद्धि का प्रयोग करने वाला ही उससे पार होता है।
जब हम किसी काम को पूरे उत्साह से करते हैं तो थकान भी नहीं लगती है और परिणाम भी अच्छा निकलता है।
आप परिस्तिथियों के सामने झुक भी सकते हैं और उनका सामना भी कर सकते हैं। चुनाव आपका है। किन्तु लड़े बिना जीत नहीं मिलती है।
विचार एक बीज की तरह है जिसे अंकुरित होने के लिए सतत प्रयास द्वारा सिंचाई एवं दृढ निश्चय की धूप चाहिए।
मनुष्य बिना विचार किये प्रकृति का संतुलन बिगाड़ रहा है। जिसका परिणाम उसे ही भुगतना होगा।
जब सुअवसर आपके पास आए तब बिना झिझके उसे लपक लेने में ही समझदारी है।
निरंकुश लोभ के भयानक परिणाम होते हैं।
कृष्ण की बंसी हमें सन्देश देती है कि कृष्ण के संसर्ग से हमारे भीतर वह आध्यात्मिक ऊर्जा आती है जो सबको आकर्षित करती है।
जो बहुत कुछ हांसिल कर के भी असंतुष्ट है वह सफल नहीं कहा जा सकता है। जो अपनी छोटी छोटी सफलताओं का जश्न मना सके वही सफल है।
आध्यात्म हमें ईश्वर से जोड़ता है। हम सभी के ह्रदय में आध्यात्मिक भाव निहित है। आवश्यकता उसे जगाने की है ताकि हम ईश्वर तक पहुँच सकें।
कर्म का केवल विपरीत परिस्तिथि का विरोध करना ही नहीं है अपितु अपरिहार्य परिस्तिथियों को परिपक्वता से स्वीकार करना भी है।
धर्म एक मार्ग है लक्ष्य नहीं।
आध्यात्म स्वयं को जानने का माध्यम है। इसका भौतिकता से कोई सम्बन्ध नहीं है।
सतही एवं सीमित दृष्टिकोण को त्याग कर ही वास्तविक दृष्टि प्राप्त होती है।
नए तथा पुराने के बीच संतुलन बनाये रखना ही समझदारी है। क्या त्याज्य है एवं क्या अपनाने योग्य है इस बात का अंतर कर सकना आवश्यक है। 
ईश्वर से जो मिले बिना शिकायत स्वीकार करें। संतोष से बड़ा कोई सुख नहीं।
अशांत मन से मनुष्य अपनी सबसे पसंदीदा वस्तु का भी आनंद नहीं ले पाता है। 
अहम् दीवारें खड़ी करता है जबकि आत्मविश्वास सभी दीवारें गिरा देता है।
दर्प आत्म विकास के मार्ग की सबसे बड़ी बाधा है।
ईश्वर हमारी आस्था में है तर्क में नहीं।
ईश्वर के साथ हमारा सम्बन्ध ही एक मात्र  ठोस सम्बन्ध है।
प्रेम, करुणा, आनंद, आत्मविश्वास जो हमें मनुष्य बनाते हैं ईश्वर की अनुभूति हैं। 
जब हम ईश्वर को पूर्णतया समर्पित होते हैं तो भय रहित होते हैं और स्वयं में आत्म विश्वास पाते हैं।
हमारी सबसे अनोखी बात है की हम सभी में कुछ ख़ास है किन्तु जब तक कोई बताता नहीं हम समझ नहीं पाते हैं।
'माँ ' के चारों ओर सारा संसार बसता है।
शब्द किसी को प्रेरित भी कर सकते हैं और किसी के उत्साह को तोड़ भी सकते हैं। शब्दों में बहुत ताक़त होती है। सोंच समझ कर बोलें।
अपने भीतर बेकार जमा पड़ी जानकारी  निकाल दें। वास्तविक ज्ञान आपके भीतर ही है।
आपसी विश्वास संबंधों का आधार है। जब विश्वास ख़त्म हो जाता है तब संबंधों में दरार आ जाती है और सब कुछ बिखर जाता है।
सत्य को पूर्ण अनुग्रह से स्वीकार करना एवं कठिनाईयों में भी गरिमा बनाए रखना ही परिपक्वता है।
अपने अहम् को त्याग कर हम सारे विश्व को अपना सकते हैं।
कठिनतम परिस्तिथियों में भी हार न मानना असली जीत है।
शांति एक मानसिक अवस्था है जो बाहर नहीं मिल सकती है।
हमारे भीतर वह शक्ति है जो हमारी पीड़ा दूर कर सकती है। सिर्फ कुछ धैर्य की आवश्यकता है। समय बहुत कुछ ठीक कर देता है।
सादगी कई समस्याओं को दूर कर देती है क्योंकि अधिकांश समस्याओं का मूल हमारी दिखावे की मानसिकता है।
हमारे भीतर दिव्य शक्ति आत्मा के रूप में विद्यमान है। शरीर इस आत्मा का वाहन है। इसकी रक्षा करें। सुद्ध ह्रदय से हम उस दिव्य शक्ति को अनुभव कर सकते हैं।
व्यक्तियों का संयुक्त श्रम समाज का निर्माण करता है।
परम सत्य एक ही होता है। ईश्वर परम सत्य है। अतः ईश्वर एक है।
समय की सबसे बड़ी खूबी है बदलाव।
व्यक्ति आत्मविश्वास के सहारे ऊँचाईयों को  छू सकता है।
निराशा घोर संकट में भी अवांछनीय है।
हमारी स्तिथि उस व्यक्ति की तरह है जिसकी गठरी बहुमूल्य रत्नों से भरी है किन्तु अज्ञानतावश दूसरों से चंद सिक्के मांग रहा हो।
धैर्य पूर्वक प्रयास करते रहे न जाने कब सफलता आपका द्वार खटखटाए।
जीवन बहती नदी है। सदियों से बह रही है। सदियों तक बहेगी। हम तो इसमें उठने वाली  लहरें हैं जो बनती और मिटती रहती हैं।
सफलता का एक ही मन्त्र है ' मैं कर सकता हूँ।'
सात्विकता प्रकाश किरण की तरह ह्रदय को रोशन कर देती है।
दर्प से बड़ा कोई शत्रु नहीं।
आप अपनी सोंच बदल कर जीवन में अपेक्षित बदलाव ला सकते हैं।
जो व्यक्ति हर आने वाले दिन का पूरे उत्साह से स्वागत करता है वह सही मायनों में सुखी है।
हमारी अपेक्षाओं एवं वास्तविकता के बीच का अंतर ही हमें कष्ट देता है।
हम में से बहुत जिस मंजिल पर पहुंचना चाहते हैं उसकी ओर गलत रास्ते पर बढ़ रहे हैं। वहाँ कैसे पहुंचेंगे।
मुस्कान आपका आकर्षण बढ़ा देती है। अतः मुस्कुराइये।
अपने भीतर वो आत्मविश्वास जगाएं की आप चुनौतियों के लिए चुनौती बन सकें।
यदि हम दृढप्रतिज्ञ हों तो प्रतिकूलताओं को हरा सकते हैं।
जैसा हम भीतर से महसूस करते हैं वैसी ही हमें दुनिया दिखाई देती है। जो आत्मविश्वास से भरा हो उसे यह अवसरों से भरी मालूम पड़ती है किन्तु नकारात्मक सोंच रखने वाले को यह दुःख से भरी लगती है।
मन ही है जो हमारे समक्ष सम्पूर्ण संसार रचता है। यदि यह उचित स्थान पर रमता है तो वह शक्ति देता है जो समस्त बंधनों को काटकर हमें मुक्ति की राह दिखाता है।
  प्रेम  शब्दों का  मोहताज नहीं इसकी अभिव्यक्ति भावना से होती है। भावनाएं ही इसे सबल बनाती हैं। बिना बोले भी महज एक इशारा ही  इसे व्यक्त कर देता है।
जीवन संघर्ष का नाम है। कठिनाईयों का सामना करके ही हम आगे बढ़ते हैं न कि उनसे भाग कर।
जब ह्रदय प्रसन्न होता है तो सर्वत्र प्रसन्नता दिखाई देती है।
सकारात्मक सोंच समस्याओं से लड़ने की शक्ति देती है।
यदि हम अपने लक्ष्य पर दृढ़ता से डटे रहें तो उसे पाने के लिए हर बाधा पार कर सकते हैं।
जीवन के प्रति उत्साहित रहे। उत्साह आपको आगे ले जायेगा।
समय को कोई बाँध नहीं सकता। अतः उसका दुरुपयोग न करें।
प्रसन्न रहने की कला हम सभी को सीखनी चाहिए।
खुली बाहों और मुस्कान के संग जीवन का स्वागत करें।
रचनात्मक शक्ति एक मामूली कागज़ के टुकड़े का भी मूल्य बढ़ा देती है।
यदि हमारे पास निश्चित लक्ष्य हो तो उसे पाने के लिए हम अपनी ऊर्जा का सही प्रयोग करते हैं। 
अच्छे कार्यों का प्रचार अवश्य करना चाहिए ताकि सब उनसे प्रेरणा ले सकें।
व्यक्ति जीवन में एक मुकाम तक पहुँचने में जीतनी बाधाएं पार करता है वह उसकी सफलता का मानदंड होते हैं।
हम सभी के भीतर एक जुझारू व्यक्ति है सिर्फ उसे जगाने की ज़रुरत है।
यदि हम चाहें तो हम अपनी गल्तियों से  भी सीख सकते हैं।
रंग जीवन में खुशियाँ लाते हैं। एक दूसरे को प्रेम एवं ख़ुशी के रंग में डुबो दें।
मुस्कुराइए क्योंकि आपको भी अच्छा लगेगा और दूसरे भी प्रसन्न होंगे।
हमारे पास दो विकल्प हैं या तो अपने दुखों का रोना रोयें या फिर समस्या का सामना करें। दूसरा विकल्प हमें आगे ले जाता है।
संशय विष की भांति है। यह संबंधों का नाश कर देता है।
समस्याएं नहीं उनके प्रति हमारा नकारात्मक रवैया हमें अधिक दुःख देता है।
जीवन का उद्देश्य इसे एक अर्थ प्रदान करना है।
अक्सर हम उन वस्तुओं की लालसा में जो हमारे पास नहीं हैं उन वस्तुओं की उपेक्षा करते हैं जो हमारे पास हैं।
अशांत मन से किसी भी वास्तु का आनंद नहीं लिया जा सकता है।
ईश्वर का वर्णन कठिन है किन्तु सच्चे प्रेम में आसानी से खोज सकते हैं।
आधारभूत रूप से हम सभी उत्तम हैं। हमारे मन पर पड़ी काम, क्रोध, लोभ, मोह की परत उसे ढंक देती है। इसे साफ़ करें।
हम सभी में वो शक्ति है जो हमें आगे बढ़ने में मदद करती है।
नियंत्रित मष्तिष्क से अच्छा को मित्र नहीं किन्तु अनियांत्रित मस्तिष्क हमें बर्बाद कर सकता है।
भीतर का परिवर्तन बाहरी परिवर्तन लाता है।
विचारों में आपके व्यक्तित्व को प्रभावित करने की क्षमता होती है। अतः उत्तम विचार ही ग्रहण करें।
गल्ती करना बुरा नहीं किन्तु प्रयास छोड़ देना अनुचित है।
एक छोटी सी प्रकाश किरण अँधेरे की चादर को भेद कर तार तार कर देती है। फिर चहुँ ओर प्रकाश होता है।
हम सब में एक  चिंगारी है। यह हम पर है की हम उसे ज्वाला में बदल दें या बुझ जानें दें।
शिव ही परम सत्य हैं। सत्य सुंदर होता है। अतः शिव भी सुंदर हैं।
जिस प्रकार नदियाँ सागर की ओर बढती हैं हम भी ईश्वर की तरफ बढ़ रहे हैं।
यदि आप स्वयं को किसी परिस्तिथि में अटका महसूस करें तो परेशान न हों , धैर्यपूर्वक प्रयास करते रहें , आप शीघ्र ही समस्या से उबर जायेंगे।
केवल एक आशावान व्यक्ति ही इच्छित परिवर्तन ला सकता है।
उत्साहवर्धन किसी भी व्यक्ति को आगे बढ़ने में मदद करता है।
साधारण लोग भी असाधारण कार्य  कर सकते हैं यदि वो असाधारण सोंचें।
आपकी सकारात्मक सोंच, समर्पण एवं दृढनिश्चय ही आपको सफल बनाते हैं।
अपना काम पूर्ण ईमानदारी और लगन से करें। सफलता अवश्य मिलेगी।
अपने लक्ष्य को सामने रख धीरे धीरे आगे बढें आप अपनी मंजिल तक पहुँच जायेंगे।
जब मुसीबतें चारों तरफ से हमला करें तो दृढ़ निश्चय की तलवार से उनका सामना करें।  
अपना मष्तिष्क और आँखें खुली रखें और जहाँ से भी सीखने को मिले सीखें।
यदि आप कुछ पाने के लिए दृढ हों तो आप उसे पाने के लिए अपनी पूर्ण शक्ति लगते हैं।
जो कार्य हम आनंद के साथ करते हैं उसे करते हुए थकान महसूस नहीं होती है।
हम जो भी करें उसे सम्पूर्णता  के साथ करना चाहिए 
कोई एक चींटी के बार बार गिरकर भी दीवार पर चढने से प्रेरणा लेता है और किसी के लिए यह साधारण बात है। हमारा दृष्टिकोण स्तिथियों का निर्धारण करता है।
कभी कभी धारा के विरुद्ध संघर्ष करने की बजाय कुछ वक़्त उसके साथ बहना अधिक उपयुक्त होता है। कुछ समय बाद आप अपनी राह पा लेते हैं।
यदि आप सीखने के इच्छुक हों तो जीवन बहुत कुछ सिखाता है।
दुनिया में बदलाव के लिए स्वयं की सोंच में परिवर्तन आवश्यक है।
अपने भीतर आत्म उन्नति की ज्वाला प्रज्वलित करें और इसे बुझने न दें।
अगले क्षण क्या होगा हमें नहीं मालूम , अतः जीवन जिस रूप में सामने आये उसे जियें।
समस्याओं का एक ही समाधान है, बिना डरे उनका सामना करो।
कुछ प्रश्नों के जवाब वक़्त ही दे सकता है। उन्हें लेकर परेशान न हों जो कर सकते हों वह करें।
यदि हम दबाव को सही प्रकार झेलना सीखें तो हम सफल हो सकते हैं।
ज्ञान का सूर्य अन्धकार को मिटा कर हमें परम सत्य के दर्शन कराता है।
कुछ चीज़ें ऐसी हैं जो शब्दों में बयान नहीं हो सकती 'प्रेम' उनमें से एक है।
एक पक्षी को उड़ने के लिए गुरुत्वाकर्षण के विरुद्ध जाना पड़ता है। बिना बाधाओं को पार किये कोई सफल नहीं हो सकता।
ऊपर उठने के लिए बड़ा सोंचें और बड़ा लक्ष्य रखें।
हमारी परिस्तिथि चाहें कैसी हो स्वयं का विकास हमारा कर्त्तव्य है।
ज्ञान का प्रकाश हमें हताशा से उबारता है।
कभी कभी थोड़ा सा धैर्य और युक्ति समस्या सुलझा सकते हैं किन्तु घबराकर हम स्तिथि को बिगाड़ देते हैं।
स्वयं पर विश्वास और धैर्य कुछ भी संभव कर सकते हैं।
यदि हम ईश्वर को पूर्ण समर्पित हों तो वह हमें पूर्ण संरक्षण देते हैं।
यदि आप भ्रमित हों और कुछ सूझे नहीं तो शांत होकर अपने दिल की सुनें।
सकारात्मक सोंच और आस्था शांतिपूर्ण जीवन की आवश्यकता हैं ।
यदि आत्म विश्वास खो जाए तो सब कुछ ख़त्म अतः उसे बनाये रखें।
आत्म विश्वास हमें कठिनाईयों से लड़ने की ताक़त देता है।
हमें अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं में अंतर करना सीखना चाहिये।
जो आपके पास है उसे स्वयं के एवं दूसरों के भले में लगाएं।
सादगी, सत्य और अहिंसा मज़बूत व्यक्तित्व का निर्माण करते हैं।
परम आनंद आत्मा का गुण है। अपने वास्तविक स्वरुप को पहचानें।
कोई भी पूर्ण नहीं किन्तु अपने में थोड़ा थोड़ा सुधार कर हम पूर्णता की ओर बढ़ते हैं।
उम्मीद से ही सब कुछ है अतः उम्मीद न मरने दें।
बाहरी सुन्दरता नेत्रों को लुभाती है किन्तु भीतरी सुन्दरता मन को मोह लेती है।
हताशा के अन्धकार को मिटने के लिए आशा की मशाल जलाओ।
जीवन कोई प्रतिस्पर्धा नहीं एक उद्देश्य पूर्ण यात्रा है।
यदि हम प्रकति की ख़ामोशी को सुनें तो बहुत से बहुमूल्य सबक मिलेंगे।
कठिनाईयों में हार न मानना जीवन का मूल मंत्र है।
केवल आप ही अपने जीवन को  अर्थ दे सकते हैं।
आस्था वह विश्वास है जो कठिनाईयों में नहीं डिगता।
आस्था उम्मीद की लौ को मज़बूत बनाती है।
यदि हम दूसरों को बदलने की बजाए स्वयं में परिवर्तन लायें तो एक बेहतर समाज बना सकते हैं।
केवल असाधारण काम करना ही साहस नहीं, वरन घोर निराशा में आशा को जीवित रखना ही साहस है।
जब आप आत्म विश्वास से लबरेज़ हों तो कठिनाईयाँ आपको हतोत्साहित नहीं कर सकतीं।
आत्म विकास आतंरिक होता है अतः यदि कोई इसमें रुकावट हो सकता है तो वह आप हैं।
हारने से ज्यादा दुखद है प्रयास न करना।
जीवन में एक ऐसा समय आता है जब हम हार की कगार पर होते हैं जो इस वक़्त को बिना हारे पार कर ले वह विजयी होता है।
दूसरों में दोष ढूढने से स्वयं का विकास नहीं होता। अतः यह न करें।
प्रोत्साहन से गुणों में वृद्धि होती है। अनावश्यक कमियाँ निकालने से वह नष्ट हो जाते हैं।
वास्तविक प्रसन्नता आपके ह्रदय में होती है न की उन वस्तुओं में जो आप  चाहते हैं।
हम सब एक माला के मनके हैं जो एक सूत्र ईश्वर से बंधे हैं।
जिसे स्वयं पर विश्वास हो वही कुछ कर सकता है।
किसी भी परिस्तिथि में आस्था को न छोडें। यह कठिन समय का संबल है।
यदि हम सीखने की चाह न रखें तो हमें कोई कुछ नहीं सिखा सकता है।
सीखना जीवन भर चलता है यदि हम चाहें तो कुछ न कुछ नया सीख सकते हैं।
आपका प्रयास सफलता की ओर पहला कदम है।
जो हमारे नियंत्रण में नहीं उस पर अपना समय व्यर्थ न कर  वह करें जो हमारे बस में है।
अच्छे विचार न केवल आपकी भावनाओं को शुद्ध करते हैं बल्कि आपको लोगों के बीच प्रिय बनाते हैं।