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Showing posts from January 6, 2013
जीवन में एक ऐसा समय आता है जब हम हार की कगार पर होते हैं जो इस वक़्त को बिना हारे पार कर ले वह विजयी होता है।
दूसरों में दोष ढूढने से स्वयं का विकास नहीं होता। अतः यह न करें।
प्रोत्साहन से गुणों में वृद्धि होती है। अनावश्यक कमियाँ निकालने से वह नष्ट हो जाते हैं।
वास्तविक प्रसन्नता आपके ह्रदय में होती है न की उन वस्तुओं में जो आप  चाहते हैं।
हम सब एक माला के मनके हैं जो एक सूत्र ईश्वर से बंधे हैं।
जिसे स्वयं पर विश्वास हो वही कुछ कर सकता है।
किसी भी परिस्तिथि में आस्था को न छोडें। यह कठिन समय का संबल है।