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Showing posts from May 26, 2013
विचार एक बीज की तरह है जिसे अंकुरित होने के लिए सतत प्रयास द्वारा सिंचाई एवं दृढ निश्चय की धूप चाहिए।
मनुष्य बिना विचार किये प्रकृति का संतुलन बिगाड़ रहा है। जिसका परिणाम उसे ही भुगतना होगा।
जब सुअवसर आपके पास आए तब बिना झिझके उसे लपक लेने में ही समझदारी है।
निरंकुश लोभ के भयानक परिणाम होते हैं।
कृष्ण की बंसी हमें सन्देश देती है कि कृष्ण के संसर्ग से हमारे भीतर वह आध्यात्मिक ऊर्जा आती है जो सबको आकर्षित करती है।
जो बहुत कुछ हांसिल कर के भी असंतुष्ट है वह सफल नहीं कहा जा सकता है। जो अपनी छोटी छोटी सफलताओं का जश्न मना सके वही सफल है।
आध्यात्म हमें ईश्वर से जोड़ता है। हम सभी के ह्रदय में आध्यात्मिक भाव निहित है। आवश्यकता उसे जगाने की है ताकि हम ईश्वर तक पहुँच सकें।