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Showing posts from May 18, 2014
जीवन यात्रा का लक्ष्य सत्य तक पहुँचाना है।  हम निम्न सत्य से उच्च सत्य तक पहुंचते हैं। 
विभिन्नता से घबराएं नहीं। इसमें जीवन का माधुर्य है। 
जब तक आप में आगे बढ़ने की चाह नहीं होगी कोई भी आपकी मदद नहीं कर सकता है। 
नई सोंच जो आगे ले जाये उसे बेझिझक अपनायें।
सत्य स्वप्रकाशित होता है। उसे स्थापित नहीं वरन अनुभव किया जाता है। 
सत्य का अनुभव स्वयं के प्रयास से ही होता है। 
सत्य को प्रमाण की ज़रुरत नहीं होती।