चिंता और भय ये दोनों मस्तिष्क को बहुत परेशान करते हैं. इन्हें केवल प्रफुल्ल मन एवं सकारात्मक विचारों द्वारा ही दूर किया जा सकता है. अतः प्रसन्न रहे तथा सकारात्मक सोंच अपनाएं.

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