अवसर को जाने न दें। उसे पहचान कर उसका उपयोग करें।
Posts
Showing posts from June 22, 2014
- Get link
- X
- Other Apps
ईश्वर पर आस्था क्यों आवश्यक है? अक्सर यह प्रश्न मन में उठता है। आस्तिकता और नास्तिकता में क्या अंतर है। ईश्वर में आस्था आवश्यकता नहीं वरन हमारा अन्तर्निहित गुण है। आस्था बाहर से आरोपित वस्तु नहीं है वरन हमारा स्वभाव है। स्वयं के होने का यकीन भी आस्था है। आस्था दृढ विश्वास का नाम है। तो फिर यह विश्वास ईश्वर पर क्यों? स्वयं पर ही क्यों नहीं? यह प्रश्न तभी उठता है जब हम ईश्वर को एक बाहरी सत्ता मान कर चलते हैं। किन्तु ईश्वर कोई बाहरी सत्ता नहीं है। ईश्वर तो हमारा अभिन्न अंग है। हम ईश्वर का ही अंश हैं। हमारे अस्तित्व का आधार ईश्वर ही है। अतः ईश्वर पर आस्था आवश्यक है। उससे मुह मोड़ना मतलब स्वयं से मुह मोड़ना। आस्तिकता यह जानना है की ईश्वर ही हमारा सर्वस्व है। इस बात का अज्ञान नास्तिकता है।