एक मुस्कुराता चेहरा रौशनी फैलता है। मुस्कुराइए।
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Showing posts from November 4, 2012
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मोर और गिद्ध एक जंगल में एक मोर और एक गिद्ध रहते थे। दोनों एक दूसरे के पडोसी थे। मोर को अपनी सुन्दरता पर बहुत घमंड था। अक्सर गिद्ध से कहता रहता था " देखो मैं कितना सुंदर हूँ , जब मैं अपने खूबसूरत परों को फैला कर नृत्य करता हूँ तो सब मुग्ध हो जाते हैं। तुम्हारे पास क्या है।" गिद्ध कुछ नहीं बोलता था। एक दिन गिद्ध ने देखा की मोर उदास बैठा है। उसने पास जाकर कारण पूंछा। मोर रोते हुए बोला " मेरा भाई आज सुबह से नहीं मिल रहा है। बिना बताये जाने कहाँ चला गया है। मैं तो अधिक ऊंचा उड़ भी नहीं सकता। कैसे खोजूं उसे।" गिद्ध बोला "बस इतनी सी बात मैं खूब ऊंचा उड़ भी सकता हूँ और दूर तक देख भी सकता हूँ। मैं अभी तुम्हारे भाई को खोज कर लाता हूँ।" यह कह कर वह उपर आकाश में चला गया। कुछ ही आगे जाने पर उसने देखा की मोर का भाई तालाब के पास घायल पड़ा है। उसने सब को सूचना दी। मोर तथा जंगल के अन्य प्राणियों ने वहाँ पहुँच कर घायल मोर को प्राथमिक उपचार दिया। मोर अपने बर्ताव पर शर्मिंदा था। गिद्ध से क्षमा मंगाते हुए बोला " मैं बहुत शर्मिंदा हूँ। मुझे माफ़ कर दो। मैं समझ गय...
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वर्तमान समय में नई एवं पुरानी पीढ़ी के बीच वैचारिक मतभेद अधिक बढ़ गया है। नई पीढ़ी का मानना है की बुजुर्गों की सोंच दकियानूसी है अतः वे उनकी कही बातों से इत्तेफाक नहीं रखते। वहीँ बुजुर्गों का सोंचना है की युवा पीढ़ी आत्मकेंद्रित एवं स्वार्थी है अतः वे केवल अपने विषय में ही सोंचा सकते हैं। आवश्यकता दोनों पीढ़ियों के बीच वैचारिक सामंजस्य बिठाने की है। परिवर्तन सृष्टि का नियम है। कोई भी समाज विचारों में परिवर्तन लाये बिना अधिक समय तक नहीं ठहर सकता है। हर नई पीढ़ी अपने साथ विचारों का परिवर्तन लाती है। पुरानी पीढ़ी के लिए इन परिवर्तनों के साथ सामंजस्य बिठाना कठिन होता है।उन्हें लगता है की नए विचार उनके पूर्वनिर्धारित संस्कारों पर आघात हैं। जबकि यह हर बार सही नहीं होता। उन्हें समझाना चाहिए की जो पुराने वक़्त में सही था आवश्यक नहीं वह आज भी सही हो। अतः उन्हें नए विचारों को अपनाने को तैयार रहना चाहिए। युवा वर्ग को भी समझाना चाहिए की बुजुर्गों की हर बात के पीछे उनका वर्षों का तज़ुर्बा छिपा है अतः उन्हें अनसुनी नहीं करना चाहिए। यदि व...