Posts

Showing posts from November 18, 2012
जब आप  स्वयं को उपेक्षित महसूस करें तो याद रखें ईश्वर सदैव आपके साथ है।
दृष्टिकोण में परिवर्तन संसार में बदलाव लाता है।
जब भी हम जीवन में कोई बाधा पार करते हैं स्वयं को पहले से अधिक मज़बूत पाते हैं।
जब भी हम पीड़ा महसूस करते हैं तो हमारी आँखों में आंसू आते हैं। दूसरों की पीड़ा में बहे आंसू ह्रदय को पवित्र करते हैं किन्तु स्वयं की पीड़ा में बहे आंसू दिल दुखाते हैं।
एक सफल जीवन के लिए सर्वाधिक ज़रूरी वस्तु है हर परिस्तिथि में आगे बढ़ने की चाह।
पीड़ा से संघर्ष की राह निकलती है।
हम सभी के भीतर अपने नकारात्मक पहलुओं को सकारात्मक बनाने की क्षमता है।