हमें बुरे और नकारात्मक विचारों को अपने मस्तिष्क में प्रवेश करने से रोकना चाहिए. जिस प्रकार मट्ठे की एक बूँद पूरे दूध को ख़राब कर देती है उसी प्रकार ये हमारे विचारों को दूषित कर सकती हैं.

Comments

Popular posts from this blog