अधिकारों से पहले कर्त्तव्य आते हैं, हम अक्सर अपने अधिकारों की चर्चा करते हैं किन्तु अपने कर्तव्यों का निर्वाह नहीं करते. पहले अपने कर्तव्य का पालन करें फिर अधिकार मांगें.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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