समय एक नदी के समान है और हम उसमें बहने वाली धारा, जो कुछ समय तक इसके साथ बहती हैं और बाद में इसमें विलीन हो जाती हैं. हम में से कुछ इस यात्रा में अपने चिन्ह छोड़ जाते हैं.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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