एक चींटी जो बार बार गिरती है पर दीवार पर चढ़ने का प्रयास जारी रखती है और अंत में सफल हो जाती है, तो मनुष्य क्यों हार मान ले जो उससे कहीं अधिक योग्य है.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
Comments