परम पुरुष अपनी एक दृष्टि से प्रकृति के गर्भ में बीज आरोपित करता है. प्रकृति के गर्भ से इस संपूर्ण ब्रह्माण्ड का जन्म होता है. सभी प्राणियों के लिए ईश्वर बीज दाता पिता हैं.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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