वह जो कभी नहीं बदलता है, जो चिर स्थायी है, जो तीनो काल में विद्यमान है, जो अजन्मा है, अविनाशी है, जिससे संपूर्ण सृष्टि उपजती है और जिसमें लय हो जाती है वह परम सत्य ही ईश्वर है.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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