ईश्वर ही इस ब्रह्माण्ड को चारों तरफ से घेरे है, वही पूरी सृष्टि में व्याप्त है, वही पुरे ब्रह्माण्ड में प्रविष्ट है. ईश्वर के अतिरिक्त यहाँ कुछ नहीं है.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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