शांति के लिए हम दर दर भटकते हैं। कई उपाय करते हैं किन्तु शांति हमारे भीतर है। आवश्यता उसे अनुभव करने की है। मन का भटकाव ही इसका कारण है। जब मन भटकना बंद कर देता है तब शांति अनुभव होती है।
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
Comments