प्रेम शब्दों का मोहताज नहीं इसकी अभिव्यक्ति भावना से होती है। भावनाएं ही इसे सबल बनाती हैं। बिना बोले भी महज एक इशारा ही इसे व्यक्त कर देता है।
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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