जीवन में कभी हम प्रसन्न होते हैं कभी दुखी. यह उतार चढ़ाव तो जीवन का हिस्सा है. जब हम स्वयं को दुखी महसूस करें तो हमें स्वयं को खुश करने की कोशिश करनी चाहिए किन्तु किसी भी हालत में स्वयं को अवसाद से बचाना चाहिए.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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