एक मूर्तिकार की भांति ईश्वर हमें कठिनाईयों के हथौड़े और पीड़ा की छेनी से तराशता है.यदि हम उसके आघात को सह सकतें हैं तो हमारा जीवन एक सुंदर मूर्ति का रूप लेगा.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
Comments