जिस व्यक्ति के पास आशा है कि अंधियारी रात के बाद भोर होगा वह बिना भय के उस अँधेरे में जी सकता है किन्तु जिसके पास आशा नहीं उसे जगमग प्रकाश भी उदास कर देता है.आशा से बड़ी कोई दौलत नहीं है.

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