जीवन अलग अलग भेस में हमारे सामने आता है. कभी यह जलाता रेगिस्तान लगता है तो कभी गुलाब के फूलों का बगीचा बन जाता है. जीवन पल पल बदलता है. इसकी यही अनिश्चितता इसे रोचक बनाती है. जीवन जिस रूप में भी हमारे समक्ष आए इसे स्वीकार करना चाहिए.
पिता वह छाया है जो सुरक्षा देता है। वह एक आश्वाशन है।
Comments