इच्छा करना बुरा नहीं है किन्तु अक्सर हम इच्छित वास्तु से स्वयं को इस तरह जोड़ लेते हैं की हम अपने पास की  समस्त अच्छी वस्तुओं की अनदेखी करने लगते हैं. इच्छित वास्तु के न मिलने पर हम टूट जाते हैं.

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