अँधेरे का अपना कोई वजूद नहीं है यह रोशनी का आभाव है . इसी तरह अज्ञानता और कुछ नहीं ज्ञान का आभाव है. हम अपने प्रयास से इन्हें दूर कर सकते हैं.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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