हम राजनितिक स्तर पर स्वतंत्र राष्ट्र हैं किन्तु अभी भी अपनी कमियों के ग़ुलाम हैं। एक शक्तिशाली राष्ट्र के निर्माण हेतु अपनी कमियों को दूर कर एक सुदृढ़ चरित्र का निर्माण ज़रूरी है।
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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