Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps May 25, 2013 कर्म का केवल विपरीत परिस्तिथि का विरोध करना ही नहीं है अपितु अपरिहार्य परिस्तिथियों को परिपक्वता से स्वीकार करना भी है। Get link Facebook X Pinterest Email Other Apps Comments
December 22, 2011 जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है. Read more
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