इस संसार में प्रत्येक जीव की मंजिल ईश्वर ही है. जाने या अजाने हर जीव उसी तरफ बढ़ रहा है. जब तक जीव और ईश्वर का मिलन न हो जाये जीव की यह यात्रा चलती रहेगी.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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