ईश्वर जो की सर्वव्यापी है हमारे ह्रदय में भी निवास करता है. वह हमारे भीतर से हमे मार्गदर्शन देता है. अतः उसे बहार क्यों खोजें. ह्रदय के भीतर ही उसका साक्षात्कार करें.

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