टिक-टिक-टिक घड़ी चलती रहती है और इस तरह समय अपनी यात्रा करता है.समय की इस यात्रा में एक पड़ाव आया है जब २०११ समाप्ति पर है और २०१२ कुछ ही समय में आनेवाला है.समय की धारा निरंतर चलती रहती है अतः अब समय है की कुछ अनुभवों और स्मृतियों को लेकर हम आगे बढ़ें.
जो व्यक्ति विषम परिस्तिथियों में भी जब उसका सब कुछ ख़त्म हो जाता है उम्मीद नहीं छोड़ता एक योद्धा होता है.
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